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Category: शैलसुता छंद

कनक मंजरी छंद “गोपी विरह”

कनक मंजरी छंद विधान:-

प्रथम रखें लघु चार तबै षट “भा” गण संग व ‘गा’ रख लें।
सु’कनक मंजरि’ छंद रचें यति तेरह वर्ण तथा दश पे।।

लघु चार तबै षट “भा” गण संग व ‘गा’ = 4लघु+6भगण(211)+1गुरु]=23 वर्ण

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शैलसुता छंद “जीवन पथ”

शैलसुता छंद विधान – 

शैलसुता छंद चार चरण का वर्णिक छंद होता है जिसमें दो- दो चरण समतुकांत होते हैं।

4 लघु + 6भगण (211)
+1 गुरु = 23 वर्ण

1111 + 211*6 + 2

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