कर्ण छंद
‘नववर्ष उल्लास’
नव वर्ष मनाओ झूम, बहादो आज सुखों की नैया।
मन हल्का करके मीत, करो हँस मिलकर ताता-थैया।।
है जीवन के दिन चार, खुशी के पल न गवाँओ भैया।
हो हाथों में बस हाथ, बजाओ फिर ‘चल छैया-छैया’।।
कुछ कहदो मन की बात, सुनादूँ मैं कुछ तुमको बातें।
आ वक्त बितायें साथ, बड़ी सबसे यह है सौगातें।।
मिल जाये सारे यार, कटेगी धूम मचाकर रातें।
जो करना चाहो नृत्य, चला उल्टी अरु सीधी लातें।।
हो नशा प्रेम का आज, लड़ाई आपस की हम छोड़ें।
कुछ भूले बिसरे यार, उन्हें हम जीवन में फिर जोड़ें।।
आ लगो गले से आज, मिटादो आपस की ये दूरी।
मन से मन का हो मेल, दिलों की चाहत करलो पूरी।।
कल नया साल आरंभ, पुराना आज बिदाई लेगा।
दुख साथ लिये वो जाय, खुशी के नव अवसर यह देगा।।
शुभ स्वागत नवल प्रभात, बधाई गीत सभी मिल गायें।
सब हँसलें मिलकर साथ, करें कोशिश सबको हरषायें।।
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कर्ण छंद विधान – (मात्रिक छंद परिभाषा) <– लिंक
कर्ण छंद 30 मात्राओं का समपद मात्रिक छंद है। चार पदों के इस छंद में चारों या दो दो पद समतुकांत होते हैं।
इसका मात्रा विन्यास निम्न है-
2 2222 21, 12221 122 22 (SS)
13+17 = 30 मात्रा।
अठकल में (4+4 या 3+3+2 दोनों हो सकते हैं।)
चौकल में चारों रूप (11 11, 11 2, 2 11, 22) मान्य रहते हैं।
अंत में दो गुरु का होना अनिवार्य है।
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शुचिता अग्रवाल ‘शुचिसंदीप’
तिनसुकिया, असम
नाम-
शुचिता अग्रवाल ‘शुचिसंदीप’
(विद्यावाचस्पति)
जन्मदिन एवम् जन्मस्थान-
26 नवम्बर 1969, सुजानगढ़ (राजस्थान)
पिता-स्वर्गीय शंकर लालजी ढोलासिया
माता- स्वर्गीय चंदा देवी
परिचय-मैं असम प्रदेश के तिनसुकिया शहर में रहती हूँ। देश की अनेक साहित्यिक प्रतिष्ठित शाखाओं से जुड़ी हुई हूँ।
सम्मान पत्र- कविसम्मेलन,जिज्ञासा,रचनाकार,साहित्य संगम संस्थान,काव्य रंगोली,आदि संस्थाओं से सम्मान पत्र प्राप्त हुए।
काव्य रंगोली’ द्वारा ‘समाज भूषण-2018’
“आगमन” द्वारा ‘आगमन काव्य विदुषी सम्मान-2019’ एवं साहित्य के क्षेत्र में प्राइड वीमेन ऑफ इंडिया ‘2022’ प्राप्त हुआ है।
साहित्य संगम संस्थान द्वारा “विद्यावाचस्पति(डॉक्टरेट)” की मानद उपाधि से सम्मानित हुई हूँ।
प्रकाशित पुस्तकें- मेरे एकल 5 कविता संग्रह “दर्पण” “साहित्य मेध” “मन की बात ” “काव्य शुचिता” तथा “काव्य मेध” हैं। मेरी साझा पुस्तकों,पत्रिकाओं,समाचार पत्रों तथा वेबसाइट्स पर समय-समय पर रचनाएं प्रकाशित होती हैं।
शुचिता बहन कर्ण छंद में नववर्ष की मस्ती से भरी रचना जो बहुत ही सार्थक संदेश समेटे हुए है।
हार्दिक आभार भैया।
ऐसे ही धूम धड़ाकों के साथ सबका 22 का नववर्ष व्यतीत हो।
बिल्कुल,यही शुभकामनाएं है।