कलहंस छंद
“तुलसी चरित”
तिथि सावन शुक्ल सप्तमी पावन।
जन्मे तुलसी धरती सरसावन।।
रचने को राम चरित मनभावन।
भू के जन जन का मन हर्षावन।।
थे आत्माराम पिता तुलसी के।
वे दीप्तिमान सुत माँ हुलसी के।।
कवि गण में वे थे परम श्रेष्ठ कवि।
अंकित मन में प्रभु सगुण रूप छवि।।
थे दास्य भक्ति के परम उपासक।
श्री रामचन्द्र प्रभु मन के शासक।।
बस राम एक भवसागर खेवक।
तुलसी अति दीन हीन लघु सेवक।।
वे वेद,शास्त्र,ज्योतिष के ज्ञाता।
बहु धर्म सनातन ग्रंथ प्रदाता।।
रच राम चरित मानस अनमोला।
रस राम नाम जन मन में घोला।।
●●●●●●●●●
कलहंस छंद विधान – (मात्रिक छंद परिभाषा)
यह 18 मात्राओं का मात्रिक छंद है। दो-दो चरण या चारों चरण समतुकांत होते हैं।
इसका मात्रा विन्यास निम्न है-
द्विकल+चौपाई (16 मात्रा) = 18मात्राएँ।
(द्विकल 2 या 11 हो सकता है।
चौपाई छंद चौकल और अठकल के मेल से बनती है। चार चौकल, दो अठकल या एक अठकल और दो चौकल किसी भी क्रम में हो सकते हैं। समस्त संभावनाएँ निम्न हैं।
4-4-4-4, 8-8, 4-4-8, 4-8-4, 8-4-4
◆◆◆◆◆◆◆
शुचिता अग्रवाल ‘शुचिसंदीप’
तिनसुकिया, असम
नाम-
शुचिता अग्रवाल ‘शुचिसंदीप’
(विद्यावाचस्पति)
जन्मदिन एवम् जन्मस्थान-
26 नवम्बर 1969, सुजानगढ़ (राजस्थान)
पिता-स्वर्गीय शंकर लालजी ढोलासिया
माता- स्वर्गीय चंदा देवी
परिचय-मैं असम प्रदेश के तिनसुकिया शहर में रहती हूँ। देश की अनेक साहित्यिक प्रतिष्ठित शाखाओं से जुड़ी हुई हूँ।
सम्मान पत्र- कविसम्मेलन,जिज्ञासा,रचनाकार,साहित्य संगम संस्थान,काव्य रंगोली,आदि संस्थाओं से सम्मान पत्र प्राप्त हुए।
काव्य रंगोली’ द्वारा ‘समाज भूषण-2018’
“आगमन” द्वारा ‘आगमन काव्य विदुषी सम्मान-2019’ एवं साहित्य के क्षेत्र में प्राइड वीमेन ऑफ इंडिया ‘2022’ प्राप्त हुआ है।
साहित्य संगम संस्थान द्वारा “विद्यावाचस्पति(डॉक्टरेट)” की मानद उपाधि से सम्मानित हुई हूँ।
प्रकाशित पुस्तकें- मेरे एकल 5 कविता संग्रह “दर्पण” “साहित्य मेध” “मन की बात ” “काव्य शुचिता” तथा “काव्य मेध” हैं। मेरी साझा पुस्तकों,पत्रिकाओं,समाचार पत्रों तथा वेबसाइट्स पर समय-समय पर रचनाएं प्रकाशित होती हैं।
तुलसी चरित्र अति सुंदर लिखा है आपने।
शुचिता “कलहंस” छंद रच प्यारी।
तुलसी की महिमा गायी न्यारी।।
यह सृजन तुम्हारा बड़ा अनोखा।
दूँ तुम्हें बधाई लागै चोखा।।
शुचिता बहन इस रचना की बहुत बहुत बधाई।
हार्दिक आभार भैया। आपका प्रोत्साहन करने का तरीका मन को खुशियों से भर देता है।
आपकी रचना से भक्त कवि तुलसी दास जी के जीवन चरित के विषय में अच्छी जानकारी मिली।
बहुत बहुत आभार आपका।