खेलो कूदो (चौपई छन्द)
(बाल कविता)
होती सबकी माता गाय,
दूध पियो मत पीना चाय।
लम्बी इसकी होती पूँछ,
जितनी मुन्ने की है मूँछ।
खेलो कूदो गाओ गीत,
गरमी जाती आती शीत।
मोटे कपड़ों में है धाक,
वरना बहती जाती नाक।
गुड़िया रानी खेले खेल,
छुक छुक करती आई रेल।
ताजा लौकी, भिंडी साग,
लेकर आई पूरा बाग।
दादी माधव लेती नाम,
तोता बोले सीता राम।
मुन्ने जितने प्यारे मान,
सुंदर होते हैं भगवान।
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चौपई छन्द विधान- (मात्रिक छंद परिभाषा)
चौपई एक मात्रिक छन्द है। इस छन्द में चार चरण होते हैं। चौपई छन्द से मिलते-जुलते नाम वाले अत्यंत ही प्रसिद्ध सममात्रिक छन्द चौपाई से भ्रम में नहीं पड़ना चाहिये। चौपई के प्रत्येक चरण में 15 मात्राओं के साथ ही प्रत्येक चरण में समापन एक गुरु एवं एक लघु के संयोग से होता है।
चौपाई के चरणान्त से एक लघु निकाल दिया जाय तो चरण की कुल मात्रा 15 रह जाती है और चौपाई छन्द से मिलता जुलता नाम चौपई हो जाता है। इस तरह चौपई का चरणांत गुरु-लघु हो जाता है। यही इसकी मूल पहचान है। अर्थात् चौपई 15 मात्राओं के चार चरणों का सम मात्रिक छन्द है, जिसके दो या चारों चरण समतुकांत होने चाहिये। इस छंद का एक और नाम जयकरी या जयकारी छन्द भी है।
यह चौपई छन्द का विन्यास होगा-
तीन चौकल + गुरु-लघु
एक अठकल + एक चौकल + गुरु-लघु
2222 22 21
चौपई छन्द के सम्बन्ध में एक तथ्य यह भी सर्वमान्य है कि चौपई छन्द बाल साहित्य के लिए बहुत उपयोगी है, क्योंकि इसमें गेयता अत्यंत सधी होती है।
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शुचिता अग्रवाल’शुचिसंदीप’
तिनसुकिया, असम
नाम-
शुचिता अग्रवाल ‘शुचिसंदीप’
(विद्यावाचस्पति)
जन्मदिन एवम् जन्मस्थान-
26 नवम्बर 1969, सुजानगढ़ (राजस्थान)
पिता-स्वर्गीय शंकर लालजी ढोलासिया
माता- स्वर्गीय चंदा देवी
परिचय-मैं असम प्रदेश के तिनसुकिया शहर में रहती हूँ। देश की अनेक साहित्यिक प्रतिष्ठित शाखाओं से जुड़ी हुई हूँ।
सम्मान पत्र- कविसम्मेलन,जिज्ञासा,रचनाकार,साहित्य संगम संस्थान,काव्य रंगोली,आदि संस्थाओं से सम्मान पत्र प्राप्त हुए।
काव्य रंगोली’ द्वारा ‘समाज भूषण-2018’
“आगमन” द्वारा ‘आगमन काव्य विदुषी सम्मान-2019’ एवं साहित्य के क्षेत्र में प्राइड वीमेन ऑफ इंडिया ‘2022’ प्राप्त हुआ है।
साहित्य संगम संस्थान द्वारा “विद्यावाचस्पति(डॉक्टरेट)” की मानद उपाधि से सम्मानित हुई हूँ।
प्रकाशित पुस्तकें- मेरे एकल 5 कविता संग्रह “दर्पण” “साहित्य मेध” “मन की बात ” “काव्य शुचिता” तथा “काव्य मेध” हैं। मेरी साझा पुस्तकों,पत्रिकाओं,समाचार पत्रों तथा वेबसाइट्स पर समय-समय पर रचनाएं प्रकाशित होती हैं।
आपका लेख पड़कर मुझे काफी सहायता मिली इस छंद को समझने मे आपका बोहत धन्यवाद
बहुत अच्छी लगी।
प्रतिक्रया पढ़कर खुशी हुई।
अति सुंदर
प्रतिक्रया पढ़कर खुशी हुई।
बच्चों को अच्छी कविता।
आभार आपका।
अद्भुत।
प्रतिक्रया पढ़कर खुशी हुई ।
बहुत मजा देती कविता।
वाह शुचि बहन चौपई छंद में बच्चों के लिए बहुत ही मजेदार कविता लिखी है। बच्चों के लिए मनोरंजन से भरपूर सृजन।
आप दोनों का प्रोत्साहन पाकर लेखन धन्य हुआ।