मधुर ध्वनि छन्द ‘वर्षा’
मधुर ध्वनि छन्द / अमृत ध्वनि छंद ‘विधान’-
यह 24 मात्राओं का मात्रिक छन्द है।
क्रमशः 8,8,8 पर यति आवश्यक है।
चार पदों के इस छन्द में दो या चारों पद समतुकांत होने चाहिए। अन्तर्यति तुकांतता से छंद का माधुर्य बढ़ जाता है,वैसे यह आवश्यक नहीं है।
मधुर ध्वनि छंद के चार पदों के प्रारंभ में एक दोहा जोड़ देने से कुण्डलिया छंद की तर्ज का एक नया छंद बन जाता है जो “अमृत ध्वनि” के नाम से प्रसिद्ध है।