Categories
Archives

Category: वर्णिक छंद

मनोज्ञा छंद “होली”

मनोज्ञा छंद विधान –

“नरगु” वर्ण सप्ता।
रचत है ‘मनोज्ञा’।।

“नरगु” = नगण रगण गुरु
111 212 + गुरु = 7 वर्ण का वर्णिक छंद।

Read More »
मनविश्राम छंद
बासुदेव अग्रवाल 'नमन'

मनविश्राम छंद “माखन लीला”

मनविश्राम छंद विधान –

“भाभभुभाभनुया” यति दें, दश रुद्र वरण अभिरामा।
छंद रचें कवि वृन्द सभी, मनभावन ‘मनविशरामा’।।

“भाभभुभाभनुया” = भगण की 5 आवृत्ति फिर नगण यगण।

211 211 211 2,11 211 111 122 = कुल 21 वर्ण का वर्णिक छंद, यति 10 और 11 वर्ण।

Read More »

मधुमती छंद “मधुवन महके”

मधुमती छंद विधान –

“ननग” गणन की।
मधुर ‘मधुमती’।।

“ननग” = (नगण नगण गुरु)
111 111 2 = 7 वर्ण का वर्णिक छंद।

Read More »

भृंग छंद “विरह विकल कामिनी”

भृंग छंद विधान –

“ननुननुननु गल” पर यति, दश द्वय अरु अष्ट।
रचत मधुर यह रसमय, सब कवि जन ‘भृंग’।।

“ननुननुननु गल” = नगण की 6 आवृत्ति फिर गुरु लघु। 20 वर्ण का वर्णिक छंद, यति 12, 8 वर्ण पर।

Read More »

भूमिसुता छंद “जीव हिंसा”

भूमिसुता छंद विधान –

“मामामासा” तोड़ो आठा, चार सजा।
सारे भाई चाखो छंदा, ‘भूमिसुता’।।

“मामामासा” = मगण मगण मगण सगण
222 222 22//2 112 = 12वर्ण का वर्णिक छंद।

Read More »
बिंदु छंद
बासुदेव अग्रवाल 'नमन'

बिंदु छंद “राम कृपा”

बिंदु छंद विधान –

“भाभमगा” यति, छै ओ’ चारी।
‘बिंदु’ रचें सब, छंदा प्यारी।।

“भाभमगा” = भगण भगण मगण गुरु

(211  211,  222   2) = 10 वर्ण प्रति पद का वर्णिक छंद।

Read More »

प्रहरणकलिका छंद “विकल मन”

प्रहरणकलिका छंद विधान –

“ननभन लग” छंद रचत शुभदा।
‘प्रहरणकलिका’ रसमय वरदा।।

“ननभन लग” = नगण नगण भगण नगण लघु गुरु।

Read More »

प्रमिताक्षरा छंद “मिलन”

प्रमिताक्षरा छंद विधान –

“सजसासु” वर्ण सज द्वादश ये।
‘प्रमिताक्षरा’ मधुर छंदस दे।।

“सजसासु” = सगण जगण सगण सगण।
112 121 112 112 = 12 वर्ण का वर्णिक छंद।

Read More »
पवन छंद
बासुदेव अग्रवाल 'नमन'

पवन छंद “श्याम शरण”

पवन छंद विधान –

“भातनसा” से, ‘पवन’ सजति है।
पाँच व सप्ता, वरणन यति है।।

“भातनसा” = भगण तगण नगण सगण।
211   22,1  111  112

Read More »

पद्ममाला छंद “माँ के आँसू”

पद्ममाला छंद विधान –

“रारगागा” रखो वर्णा।
‘पद्ममाला’ रचो छंदा।।

“रारगागा” = रगण रगण गुरु गुरु।
(212  212  2 2)

Read More »
पंचचामर छंद
शुचिता अग्रवाल 'शुचिसंदीप'

पंचचामर छंद ” हनुमान स्तुति”

पंचचामर छंद “हनुमान स्तुति”

उपासना करें सभी, महाबली कपीश की,
विराट दिव्य रूप की, दयानिधान ईश की।

Read More »

पंचचामर छंद “देहाभिमान”

पंचचामर छंद जो कि नाराच छंद के नाम से भी जाना जाता है, १६ वर्ण प्रति पद का वर्णिक छंद है।

लघु गुरु x 8 = 16 वर्ण, यति 8+8 वर्ण पर।

Read More »

धुनी छंद “फाग रंग”

धुनी छंद विधान –

“भाजग” रखें गुनी।
‘छंद’ रचते ‘धुनी’।।

“भाजग” = भगण जगण गुरु।
211 121 2 = 7 वर्ण प्रति चरण का वर्णिक छंद।

Read More »

तरलनयन छंद ‘नटवर छवि’

तरलनयन छंद विधान –

चतुष नगण, षट षट यति।
‘तरलनयन’, धरतत गति।।

तरलनयन छंद चार नगण से युक्त 12 वर्ण का वर्णिक छंद है। इसमें सब लघु वर्ण रहने चाहिए। यति छह छह वर्ण पर है।

Read More »

मकरन्द छंद ‘कन्हैया वंदना’

मकरन्द छंद विधान –

“नयनयनाना, ननगग” पाना,
यति षट षट अठ, अरु षट वर्णा।
मधु ‘मकरन्दा’, ललित सुछंदा,
रचत सकल कवि, यह मृदु कर्णा।।

Read More »

तोटक छंद ‘उठ भोर हुई’

तोटक छंद ‘उठ भोर हुई’

उठ भोर हुई बगिया महके।
चिड़िया मदमस्त हुई चहके।।
झट आलस त्याग करो अपना।
तब ही सच हो सबका सपना।।

Read More »

नील छंद “विरहणी”

नील छंद / अश्वगति छंद विधान –

“भा” गण पांच रखें इक साथ व “गा” तब दें।
‘नील’ सुछंदजु षोडस आखर की रच लें।।

“भा” गण पांच रखें इक साथ व “गा”= 5 भगण+गुरु

Read More »

धार छंद “आज की दशा”

धार छंद विधान
“माला” वार।
पाओ ‘धार’।।

“माला” = मगण लघु
222 1 = 4 वर्ण प्रति चरण का वर्णिक छंद।

Read More »
Categories