मन अब तरसत, अवयव मचलत,
नटवर रख पत, जनम सफल कर।।
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डमरू घनाक्षरी विधान:-
डमरू घनाक्षरी 32 वर्ण प्रति पद की घनाक्षरी है। ये 32 वर्ण 16 – 16 वर्ण के दो यति खंड में विभक्त रहते हैं। परंतु 8 8 8 8 वर्ण के चार यति खंड में विभक्त करने से छंद की रोचकता बढती है। इस घनाक्षरी की खास बात जो है वह यह है कि ये 32 के 32 वर्ण लघु तथा मात्रा रहित होने चाहिए। सभी घनाक्षरी की तरह इसके भी चारों पद एक ही तुकांतता के रहने चाहिए।
नाम- बासुदेव अग्रवाल;
जन्म दिन – 28 अगस्त, 1952;
निवास स्थान – तिनसुकिया (असम)
रुचि – काव्य की हर विधा में सृजन करना। हिन्दी साहित्य की हर प्रचलित छंद, गीत, नवगीत, हाइकु, सेदोका, वर्ण पिरामिड, गज़ल, मुक्तक, सवैया, घनाक्षरी इत्यादि।
सम्मान- मेरी रचनाएँ देश के सम्मानित समाचारपत्र और अधिकांश प्रतिष्ठित वेब साइट में नियमित रूप से प्रकाशित होती रहती हैं। हिन्दी साहित्य से जुड़े विभिन्न ग्रूप और संस्थानों से कई अलंकरण और प्रसस्ति पत्र नियमित प्राप्त होते रहते हैं।
प्रकाशित पुस्तकें- गूगल प्ले स्टोर पर मेरी दो निशुल्क ई बुक प्रकाशित हैं।
(1) “मात्रिक छंद प्रभा” जिसकी गूगल बुक आइ डी :- 37RT28H2PD2 है। (यह 132 पृष्ठ की पुस्तक है जिसमें मात्रिक छंदों की मेरी 91 कविताएँ विधान सहित संग्रहित हैं। पुस्तक के अंत में ‘मात्रिक छंद कोष’ दिया गया है जिसमें 160 के करीब मात्रिक छंद विधान सहित सूचीबद्ध हैं।)
(2) “वर्णिक छंद प्रभा” जिसकी गूगल बुक आइ डी :- 509X0BCCWRD है। (यह 134 पृष्ठ की पुस्तक है जिसमें वर्णिक छंदों की मेरी 95 कविताएँ विधान सहित संग्रहित हैं। पुस्तक के अंत में ‘वर्णिक छंद कोष’ दिया गया है जिसमें 430 के करीब वर्णिक छंद विधान सहित सूचीबद्ध हैं।)
मरहठा छंद "कृष्ण लीलामृत" by बासुदेव अग्रवाल 'नमन' July 3, 2024 मरहठा छंद प्रति पद कुल 29 मात्रा का सम-पद मात्रिक छंद है। इसमें यति विभाजन 10, 8,11 मात्रा का है। मात्रा बाँट:- प्रथम यति 2+8 =10 मात्रा द्वितीय यति 8, तृतीय यति 8+3 (ताल यानि 21) = 11 मात्रा
भानु छंद 'श्याम प्रार्थना' by शुचिता अग्रवाल 'शुचिसंदीप' July 22, 2023 भानु छंद 'श्याम प्रार्थना" मुरलीधर, तू ही जग का पालनहार। ब्रजवासी, तुझमें बसता यह संसार।। यदुकुल में, लिया कृष्ण बनकर अवतार। अविनाशी, इस जग का तू ही हो सार।। यशुमति माँ, नंद पिता भ्राता बलराम। वृंदावन, सुंदर तेरो गोकुल धाम।।…
चंचरीक छंद "बाल कृष्ण" by बासुदेव अग्रवाल 'नमन' January 16, 2023 चंचरीक छंद या हरिप्रिया छंद चार प्रति पद 46 मात्राओं का सम मात्रिक दण्डक है। इसका यति विभाजन (12+12+12+10) = 46 मात्रा है। मात्रा बाँट - 12 मात्रिक यति में 2 छक्कल का तथा अंतिम यति में छक्कल+गुरु गुरु है।
पवन छंद "श्याम शरण" by बासुदेव अग्रवाल 'नमन' December 7, 2022 पवन छंद विधान - "भातनसा" से, 'पवन' सजति है। पाँच व सप्ता, वरणन यति है।। "भातनसा" = भगण तगण नगण सगण। 211 22,1 111 112
तरलनयन छंद 'नटवर छवि' by बासुदेव अग्रवाल 'नमन' July 27, 2022 तरलनयन छंद विधान - चतुष नगण, षट षट यति। 'तरलनयन', धरतत गति।। तरलनयन छंद चार नगण से युक्त 12 वर्ण का वर्णिक छंद है। इसमें सब लघु वर्ण रहने चाहिए। यति छह छह वर्ण पर है।
मकरन्द छंद 'कन्हैया वंदना' by बासुदेव अग्रवाल 'नमन' July 6, 2022 मकरन्द छंद विधान - "नयनयनाना, ननगग" पाना, यति षट षट अठ, अरु षट वर्णा। मधु 'मकरन्दा', ललित सुछंदा, रचत सकल कवि, यह मृदु कर्णा।।
रास छंद "कृष्णावतार" by बासुदेव अग्रवाल 'नमन' October 4, 2021 रास छंद विधान - रास छंद 22 मात्राओं का सम पद मात्रिक छंद है जिसमें 8, 8, 6 मात्राओं पर यति होती है। पदान्त 112 से होना आवश्यक है। मात्रा बाँट प्रथम और द्वितीय यति में एक अठकल या 2…
लघु वर्णों के संयोजन से बनी डमरू घनाक्षरी बहुत ही शानदार बनी है।
अत्यन्त मुश्किल को भी आपने अत्यंत सहजता से लिख लिया।
हार्दिक बधाई भैया।
शुचिता बहन तुम्हारी हृदय खिलाती प्रतिक्रिया का बहुत बहुत धन्यवाद।
डमरू घनाक्षरी में श्री कृष्ण की बहुत ही मनमोहक विनती।
आपकी प्रतिक्रिया का हृदयतल से धन्यवाद प्रकट करता हूँ।