दुर्मिल सवैया “शारदा वंदन”
शुभ पुस्तक हस्त सदा सजती, कमलासन श्वेत बिराजत है।
मुख मण्डल तेज सुशोभित है, वर वीण सदा कर साजत है।
नर-नार बसन्तिय पंचम को, सब शारद पूजत ध्यावत है।
तुम हंस सुशोभित हो कर माँ, प्रगटो वर सेवक माँगत है।।
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दुर्मिल सवैया विधान – (वर्णिक छंद परिभाषा)
यह 24 वर्ण प्रति चरण का एक सम वर्ण वृत्त है। अन्य सभी सवैया छंदों की तरह इसकी रचना भी चार चरण में होती है और सभी चारों चरण एक ही तुकांतता के होने आवश्यक हैं।
यह सवैया सगण (112) पर आश्रित है, जिसकी 8 आवृत्ति प्रति चरण में रहती है। इसकी संरचना लघु लघु गूरु × 8 है।
(112 112 112 112 112 112 112 112)
सवैया छंद यति बंधनों में बंधे हुये नहीं होते हैं परंतु दुर्मिल के चरण में 12 – 12 वर्ण के 2 यति खंड रखने से लय की सुगमता रहती है। क्योंकि यह एक वर्णिक छंद है अतः इसमें गुरु के स्थान पर दो लघु वर्ण का प्रयोग करना अमान्य है।
सवैया छंद विधान (क्लिक करके देखें)
बासुदेव अग्रवाल ‘नमन’ ©
तिनसुकिया
नाम- बासुदेव अग्रवाल;
जन्म दिन – 28 अगस्त, 1952;
निवास स्थान – तिनसुकिया (असम)
रुचि – काव्य की हर विधा में सृजन करना। हिन्दी साहित्य की हर प्रचलित छंद, गीत, नवगीत, हाइकु, सेदोका, वर्ण पिरामिड, गज़ल, मुक्तक, सवैया, घनाक्षरी इत्यादि।
सम्मान- मेरी रचनाएँ देश के सम्मानित समाचारपत्र और अधिकांश प्रतिष्ठित वेब साइट में नियमित रूप से प्रकाशित होती रहती हैं। हिन्दी साहित्य से जुड़े विभिन्न ग्रूप और संस्थानों से कई अलंकरण और प्रसस्ति पत्र नियमित प्राप्त होते रहते हैं।
प्रकाशित पुस्तकें- गूगल प्ले स्टोर पर मेरी दो निशुल्क ई बुक प्रकाशित हैं।
(1) “मात्रिक छंद प्रभा” जिसकी गूगल बुक आइ डी :- 37RT28H2PD2 है। (यह 132 पृष्ठ की पुस्तक है जिसमें मात्रिक छंदों की मेरी 91 कविताएँ विधान सहित संग्रहित हैं। पुस्तक के अंत में ‘मात्रिक छंद कोष’ दिया गया है जिसमें 160 के करीब मात्रिक छंद विधान सहित सूचीबद्ध हैं।)
(2) “वर्णिक छंद प्रभा” जिसकी गूगल बुक आइ डी :- 509X0BCCWRD है। (यह 134 पृष्ठ की पुस्तक है जिसमें वर्णिक छंदों की मेरी 95 कविताएँ विधान सहित संग्रहित हैं। पुस्तक के अंत में ‘वर्णिक छंद कोष’ दिया गया है जिसमें 430 के करीब वर्णिक छंद विधान सहित सूचीबद्ध हैं।)
मेरा ब्लॉग:
उत्तम जानकारी
आदरणीय नवल किशोर जी आपका कविकुल में स्वागत है। यह वेब साइट हिन्दी छंदों को समर्पित है। यहाँ आपको छंदों की विस्तृत जानकारी मिलेगी। और रचनाओं पर भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करेंं।
बहुत बढिया
बहुत बहुत धन्यवाद।
कविकुल का प्रारंभ माँ शारदे की वंदना से बहुत ही उत्तम।
दुर्मिळ सवैया का विधान और रचना बहुत सुंदर।
शुचि बहन बहुत बहुत धन्यवाद।
बहुत सुंदर माँ शारदा की वंदना।
प्रतिक्रिया व्यक्त करने के लिए हार्दिक आभार।