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दोहा छंद

‘एक जनवरी’

अभिनंदन उल्लास का, करता भारतवर्ष।
नये साल का आगमन, रोम रोम में हर्ष।।

हैप्पी हैप्पी न्यू इयर, हैप्पी हैं सब लोग।
एक जनवरी को लगे, घर घर मदिरा भोग।।

टिक टिक टिक बारह बजी, हुआ जोर से शोर।
अंग्रेजी नव वर्ष की, डगमग डोले भोर।।

नोवीं दशवीं में पढ़े, मगर नया है स्वैग।
खुशियाँ अपनी बाँटते, बना बना कर पैग।।

मदिरालय घर में खुला, अंग्रेजी परिवेश।
साथ दे रही नारियाँ, नूतन भारत देश।।

तन मन धन का सुख मिले, मिट जाये सब रोग।
खुशियों का बनता रहे, मंगलमय संयोग।।

दोहा छंद विधान

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शुचिता अग्रवाल ‘शुचिसंदीप’
तिनसुकिया, असम

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