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दोहा छंद “श्राद्ध-पक्ष”

श्राद्ध पक्ष में दें सभी, पुरखों को सम्मान।
वंदन पितरों का करें, उनका धर सब ध्यान।।

रीत सनातन श्राद्ध है, इस पर हो अभिमान।
श्रद्धा पूरित भाव रख, मानें सभी विधान।।

द्विज भोजन बलिवैश्व से, करें पितर संतुष्ट।
उनके आशीर्वाद से, होते हैं हम पुष्ट।।

पितर लोक में जो बसे, करें सदा उपकार।
बन कृतज्ञ उनके सदा, प्रकट करें आभार।।

हमें सदा मिलता रहे, पितरों का वरदान।
भरे रहें भंडार सब, हों हम आयुष्मान।।

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दोहा छंद विधान <– दोहा छंद की जानकारी की लिंक।

बासुदेव अग्रवाल ‘नमन’ ©
तिनसुकिया

4 Responses

  1. श्राद्ध पक्ष के महत्व को दर्शाते अति उत्तम दोहे लिखे हैं आपने भैया।
    हमारी सनातन परंपरा के नियम अनुकरणीय है। आपने पितरों के प्रति कृतज्ञ होते हुए उन्हें रीति रिवाज से श्राद्ध करके संतुष्ट करने पर अच्छे विचार प्रकट किए हैं।

  2. श्राद्ध पक्ष में हमारे पितृगणों को जल भोजन देना सनातन परंपरा है। इस परंपरा के प्रति जागरुकता उत्पन्न करते सुंदर दोहे।

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