धारा छंद
‘तिरंगा’
लहर-लहर लहराता जाय, झंडा भारत का प्यारा।
अद्भुत लगती इसकी शान, फहराता दिखता न्यारा।।
शौर्य वीरता की पहचान, आजादी का द्योतक है।
भारत माँ का है यह भाल, दुश्मन का अवरोधक है।।
तीन रंग में वर्णित गूढ़, ध्वज परिभाषित करता है।
भारत की गरिमा का सार, यह रंगों में भरता है।।
केशरिया वीरों के गीत, उल्लासित होकर गाता।
शौर्य, शक्ति, साहस, उत्सर्ग, जन अंतस में भर जाता।।
श्वेत वर्ण सिखलाता प्रेम, सत्य, अहिंसा, मानवता।
देता जग को यह संदेश, छोड़ो मन की दानवता।।
हरा रंग खुशहाली रूप, भारत का दिखलाता है।
रिद्धि-सिद्धि के प्रेरक मंत्र, लहरा कर सिखलाता है।।
नीला चक्र सुशासन, न्याय, कर्म शक्ति की शुचि छाया।
नव विकास को है गतिशील, ध्वज पर रवि बन लहराया।।
निज गौरव, परिचय, अभिमान, मिला तिरंगे से हमको।
शीश झुकाकर करें प्रणाम, सब भारतवासी तुमको।।
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धारा छंद विधान- (मात्रिक छंद परिभाषा) <– लिंक
धारा छंद 29 मात्राओं का समपद मात्रिक छंद है। चार पदों के इस छंद में दो दो या चारों पद समतुकांत होते हैं।
इसका मात्रा विन्यास निम्न है-
अठकल + छक्कल + लघु, अठकल + छक्कल(S)
2222 2221, 2222 222 (S)
अठकल में (4+4 या 3+3+2 दोनों हो सकते हैं।
छक्कल (3+3 या 4+2 या 2+4) हो सकते हैं।
अंत में एक गुरु का होना अनिवार्य है।
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शुचिता अग्रवाल ‘शुचिसंदीप’
तिनसुकिया, असम
नाम-
शुचिता अग्रवाल ‘शुचिसंदीप’
(विद्यावाचस्पति)
जन्मदिन एवम् जन्मस्थान-
26 नवम्बर 1969, सुजानगढ़ (राजस्थान)
पिता-स्वर्गीय शंकर लालजी ढोलासिया
माता- स्वर्गीय चंदा देवी
परिचय-मैं असम प्रदेश के तिनसुकिया शहर में रहती हूँ। देश की अनेक साहित्यिक प्रतिष्ठित शाखाओं से जुड़ी हुई हूँ।
सम्मान पत्र- कविसम्मेलन,जिज्ञासा,रचनाकार,साहित्य संगम संस्थान,काव्य रंगोली,आदि संस्थाओं से सम्मान पत्र प्राप्त हुए।
काव्य रंगोली’ द्वारा ‘समाज भूषण-2018’
“आगमन” द्वारा ‘आगमन काव्य विदुषी सम्मान-2019’ एवं साहित्य के क्षेत्र में प्राइड वीमेन ऑफ इंडिया ‘2022’ प्राप्त हुआ है।
साहित्य संगम संस्थान द्वारा “विद्यावाचस्पति(डॉक्टरेट)” की मानद उपाधि से सम्मानित हुई हूँ।
प्रकाशित पुस्तकें- मेरे एकल 5 कविता संग्रह “दर्पण” “साहित्य मेध” “मन की बात ” “काव्य शुचिता” तथा “काव्य मेध” हैं। मेरी साझा पुस्तकों,पत्रिकाओं,समाचार पत्रों तथा वेबसाइट्स पर समय-समय पर रचनाएं प्रकाशित होती हैं।
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शुचिता बहन धारा छंद में अपने राष्ट्रीय ध्वज की विशेषताओं की दर्शाती मोहक रचना।
प्रोत्साहन हेतु आभार भैया।
तिरंगा की महिमा दर्शाती सुंदर रचना।
हार्दिक आभार।