पुट छंद
“रामनवमी”
नवम तिथि सुहानी, चैत्र मासा।
अवधपति करेंगे, ताप नासा।।
सकल गुण निधाना, दुःख हारे।
चरण सर नवाएँ, आज सारे।।
मुदित मन अयोध्या, आज सारी।
दशरथ नृप में भी, मोद भारी।।
हरषित मन तीनों, माइयों का।
जनम दिवस चारों, भाइयों का।।
नवल नगर न्यारा, आज लागे।
इस प्रभु-पुर के तो, भाग्य जागे।।
घर घर ढ़प बाजे, ढोल गाजे।
गलियन रँगरोली, खूब साजे।।
प्रमुदित नर नारी, गीत गायें।
जहँ तहँ मिल धूमें, वे मचायें।।
हम सब मिल के ये, पर्व मानें।
रघुवर-गुण प्यारे, ही बखानें।।
=================
पुट छंद विधान – (वर्णिक छंद परिभाषा)
“ननमय” यति राखें, आठ चारा।
‘पुट’ मधुर रचायें, छंद प्यारा।।
“ननमय” = नगण नगण मगण यगण
111 111 22,2 122 = 12वर्ण, यति 8,4
चार पद दो दो समतुकांत।
***********************
बासुदेव अग्रवाल ‘नमन’ ©
तिनसुकिया

परिचय
नाम- बासुदेव अग्रवाल;
जन्म दिन – 28 अगस्त, 1952;
निवास स्थान – तिनसुकिया (असम)
रुचि – काव्य की हर विधा में सृजन करना। हिन्दी साहित्य की हर प्रचलित छंद, गीत, नवगीत, हाइकु, सेदोका, वर्ण पिरामिड, गज़ल, मुक्तक, सवैया, घनाक्षरी इत्यादि। हिंदी साहित्य की पारंपरिक छंदों में विशेष रुचि है और मात्रिक एवं वर्णिक लगभग सभी प्रचलित छंदों में काव्य सृजन में सतत संलग्न।
सम्मान- मेरी रचनाएँ देश की सम्मानित वेब पत्रिकाओं में नियमित रूप से प्रकाशित होती रहती हैं। हिंदी साहित्य से जुड़े विभिन्न ग्रूप और संस्थानों से कई अलंकरण और प्रसस्ति पत्र नियमित प्राप्त होते रहते हैं।
मेरा ब्लॉग:-
हमेशा की तरह सुंदर राम भजन
यशश्वी तुम्हारी प्यारी टिप्पणी का बहुत बहुत धन्यवाद।
अयोध्या नगरी में रामनवमी के अवसर पर राम जन्मोत्सव का भव्य वर्णन।
आपकी हृदय भावनी प्रतिक्रिया का आत्मिक आभार।
रामनवमी पर अयोध्या नगरी में आई खुशियों का सुंदर वर्णन किया है। भगवान राम और उनके भाइयों के जन्मोत्सव पर बहुत ही सटीक चित्र उकेरा है।
अद्भुत सृजन
शुचिता बहन तुम्हारी लेखन के प्रति नव उत्साह का संचार करती मधुर प्रतिक्रिया का हृदयतल से धन्यवाद।