Categories
Archives

मणिमध्या छंद ‘नैतिक शिक्षा’

जीवन में सत्मार्ग चुनो।
नैतिकता की बात सुनो।।
जो सच राहों पे चलते।
स्वप्न उन्ही के हैं फलते।।

केवल पैसों के बल से।
जीत न पायेंगे छल से।।
स्वार्थ भरी चालें चलना।
है अपने को ही छलना।।

रावण ने सीता हरली।
निष्ठुरता सारी करली।।
अंत बड़ा था कष्ट भरा।
दम्भ मिटा, लंकेश मरा।।

राम जहाँ है जीत वहाँ।
त्याग करो तो मीत वहाँ।।
चाह हमेशा नेक रहे।
धर्म सभी ये बात कहे।।

मात्रिक छंद परिभाषा

●●●●●●●●

मणिमध्या छंद विधान-

मणिमध्या मापनीयुक्त वर्णिक छंद है। इसमें 9 वर्ण होते हैं।
इसका मात्राविन्यास निम्न है-

211 222 112

इस छंद में चार चरण होते हैं। दो-दो या चारों चरण समतुकांत होते हैं।

‘भामस प्यारे तीन रखें।
तो मणिमध्या आप चखें’।।
◆◆◆◆◆◆◆◆

शुचिता अग्रवाल ‘ शुचिसंदीप’
तिनसुकिया, असम

4 Responses

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *