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मत्तगयंद सवैया छंद “शिव महिमा”

भष्म रमाय रहे तन में प्रभु, चन्द्र रहे सज शीश तिहारे।
वीर षडानन मूषक वाहन, बन्धुन के तुम तात दुलारे।
पावन गंग सजे सर ऊपर, भाल त्रिपुण्ड सदैव सँवारे।
शंकर नाथ अनाथन के तुम, दीनन के तुम एक सहारे।

लिंक:- मत्तगयंद सवैया विधान

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