मनोरम छंद
“वीर सैनिक”
पर्वतों का चीर अंचल।
मोड़ नदियों का धरातल।।
बर्फ के अंबार काटें।
जो असमतल भूमि पाटें।।
काट जंगल पथ बनातें।
पाँव फिर सैनिक बढातें।।
दुश्मनों के काल वे बन।
मोरचा ले कर डटें तन।।
ये अनेकों प्रांत के हैं।
वेश, मजहब, जात के हैं।।
देश के ये गीत गाते।
याद घर की सब भुलाते।।
जी हिलाती घाटियों में।
मार्च करते वर्दियों में।।
मस्तियों में नाचते हैं।
साथ मिल गम बाँटते हैं।।
गोलियों की बारिशों में।
तोप, बम्बों के सुरों में।।
हिन्द की सेना सजाते।
बैंड दुश्मन का बजाते।।
देश की पावन धरोहर।
है इन्हीं के स्कंध ऊपर।।
कृत्य इनके हैं अलौकिक।
ये ‘नमन’ के पात्र सैनिक।।
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मनोरम छंद विधान –
मनोरम छंद 14 मात्रा प्रति पद का सम मात्रिक छंद है। यह मानव जाति का छंद है। एक छंद में कुल 4 पद होते हैं और छंद के दो दो या चारों पद सम तुकांत होने चाहिए। इन 14 मात्राओं की मात्रा बाँट:- S122 21SS या S122 21S11 है। S का अर्थ गुरु वर्ण है। 2 को 11 करने की छूट है पर S को 11 नहीं कर सकते।
यह कुछ सीमा तक 2122*2 की मापनी पर आधारित छंद है। परंतु इस छंद के चरण के प्रारंभ में गुरु वर्ण आवश्यक है। चरणांत यगण (1SS) या भगण (S11) से आवश्यक है।
मात्रिक छंद परिभाषा
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बासुदेव अग्रवाल ‘नमन’ ©
तिनसुकिया
नाम- बासुदेव अग्रवाल;
जन्म दिन – 28 अगस्त, 1952;
निवास स्थान – तिनसुकिया (असम)
रुचि – काव्य की हर विधा में सृजन करना। हिन्दी साहित्य की हर प्रचलित छंद, गीत, नवगीत, हाइकु, सेदोका, वर्ण पिरामिड, गज़ल, मुक्तक, सवैया, घनाक्षरी इत्यादि।
सम्मान- मेरी रचनाएँ देश के सम्मानित समाचारपत्र और अधिकांश प्रतिष्ठित वेब साइट में नियमित रूप से प्रकाशित होती रहती हैं। हिन्दी साहित्य से जुड़े विभिन्न ग्रूप और संस्थानों से कई अलंकरण और प्रसस्ति पत्र नियमित प्राप्त होते रहते हैं।
प्रकाशित पुस्तकें- गूगल प्ले स्टोर पर मेरी दो निशुल्क ई बुक प्रकाशित हैं।
(1) “मात्रिक छंद प्रभा” जिसकी गूगल बुक आइ डी :- 37RT28H2PD2 है। (यह 132 पृष्ठ की पुस्तक है जिसमें मात्रिक छंदों की मेरी 91 कविताएँ विधान सहित संग्रहित हैं। पुस्तक के अंत में ‘मात्रिक छंद कोष’ दिया गया है जिसमें 160 के करीब मात्रिक छंद विधान सहित सूचीबद्ध हैं।)
(2) “वर्णिक छंद प्रभा” जिसकी गूगल बुक आइ डी :- 509X0BCCWRD है। (यह 134 पृष्ठ की पुस्तक है जिसमें वर्णिक छंदों की मेरी 95 कविताएँ विधान सहित संग्रहित हैं। पुस्तक के अंत में ‘वर्णिक छंद कोष’ दिया गया है जिसमें 430 के करीब वर्णिक छंद विधान सहित सूचीबद्ध हैं।)
मेरा ब्लॉग:
सैनिकों के शौर्य, समर्पण भाव, देशभक्ति आदि भावनाओं को दर्शाती सुंदर रचना भैया।
शुचिता बहन तुम्हारी हृदय खिलाती प्रतिक्रिया का हार्दिक धन्यवाद।
भारत के वीर सैनिकों के शौर्य का बहुत सुंदर वर्णन।
आपकी मोहक प्रतिक्रिया का हार्दिक धन्यवाद।