विधाता छंद
“नव वर्ष स्वागत गीत”
वाचिक भार = 1222*4
लगा नव वर्ष बाइस का, करें मिल उसका हम स्वागत;
नये सपने नये अवसर, नया ये वर्ष लाया है।
करें सम्मान इसका हम, नई आशा बसा मन में;
नई उम्मीद ले कर के, नया ये साल आया है।
मिला के हाथ सब से ही, सभी को दें बधाई हम;
जहाँ हम बाँटते खुशियाँ, वहीं बाँटें सभी के ग़म।
करें संकल्प सब मिल के, उठाएँगे गिरें हैं जो;
तभी कुछ कर गुजरने का, नया इक जोश छाएगा।
दिलों में मैल है बाकी, पुराने साल का कुछ गर;
मिटाएँ उसको पहले हम, नये रिश्तों से सब जुड़ कर।
कसक मन की मिटा करके, दिखावे को परे रख के;
दिलों की गाँठ को खोलें, तभी नव वर्ष भाएगा।
गरीबी ओ अमीरी के, मिटाएँ भेद भावों को;
अशिक्षित ना रहे कोई, करें खुशहाल गाँवों को।
‘नमन’ नव वर्ष में जागें, ये सपने सब सजा दिल में;
तभी ये देश खुशियों के, सुहाने गीत गाएगा।
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विधाता छंद विधान – (वाचिक स्वरूप)
विधाता छंद 28 मात्रा प्रति पद का सम पद मात्रिक छंद है जो 14 – 14 मात्रा के दो यति खंडों में विभक्त रहता है।
बासुदेव अग्रवाल ‘नमन’ ©
तिनसुकिया
नाम- बासुदेव अग्रवाल;
जन्म दिन – 28 अगस्त, 1952;
निवास स्थान – तिनसुकिया (असम)
रुचि – काव्य की हर विधा में सृजन करना। हिन्दी साहित्य की हर प्रचलित छंद, गीत, नवगीत, हाइकु, सेदोका, वर्ण पिरामिड, गज़ल, मुक्तक, सवैया, घनाक्षरी इत्यादि।
सम्मान- मेरी रचनाएँ देश के सम्मानित समाचारपत्र और अधिकांश प्रतिष्ठित वेब साइट में नियमित रूप से प्रकाशित होती रहती हैं। हिन्दी साहित्य से जुड़े विभिन्न ग्रूप और संस्थानों से कई अलंकरण और प्रसस्ति पत्र नियमित प्राप्त होते रहते हैं।
प्रकाशित पुस्तकें- गूगल प्ले स्टोर पर मेरी दो निशुल्क ई बुक प्रकाशित हैं।
(1) “मात्रिक छंद प्रभा” जिसकी गूगल बुक आइ डी :- 37RT28H2PD2 है। (यह 132 पृष्ठ की पुस्तक है जिसमें मात्रिक छंदों की मेरी 91 कविताएँ विधान सहित संग्रहित हैं। पुस्तक के अंत में ‘मात्रिक छंद कोष’ दिया गया है जिसमें 160 के करीब मात्रिक छंद विधान सहित सूचीबद्ध हैं।)
(2) “वर्णिक छंद प्रभा” जिसकी गूगल बुक आइ डी :- 509X0BCCWRD है। (यह 134 पृष्ठ की पुस्तक है जिसमें वर्णिक छंदों की मेरी 95 कविताएँ विधान सहित संग्रहित हैं। पुस्तक के अंत में ‘वर्णिक छंद कोष’ दिया गया है जिसमें 430 के करीब वर्णिक छंद विधान सहित सूचीबद्ध हैं।)
मेरा ब्लॉग:
नव वर्ष की बहुत उच्च कोटि की कामनाएं समेटे हुए आपकी रचना है। शुम नव वर्ष।
आपकी प्रोत्साहित करती टिप्पणी का हार्दिक धन्यवाद।
विधाता छंद में नव वर्ष के आगमन पर मन में उमंग एवं हर्ष का उद्घोष करता सुंदर मनभावन गीत सृजन हुआ है।
मंच पर विशेष अवसर जैसे होली, दीवाली, राखी, महापुरुषों की जयंती आदि विषयों पर कविता लेखन द्वारा उत्सव सा प्रतीत होता है जिससे मन में लेखन के प्रति नए जोश का संचार होता है।
कविकुल वेबसाइट के सभी पाठकों को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं देती हूँ।
शुचिता बहन मेरी नव वर्ष की रचना पर तुम्हारी भावभीनी प्रतिक्रिया का हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित करता हूँ।
किसी भी विशेष अवसर पर उस अवसर से संबंधित रचना का अलग ही प्रभाव होता है।