शोभन छंद,
‘मंगलास्तुति’
सर्व मंगल दायिनी माँ, ज्ञान का अवतार।
शब्द सुमनों का चढ़ाऊँ, नित्य मैं नव हार।।
अवतरण तव शुक्ल पंचम, माघ का शुभ मास।
हे शुभा शुभ शारदे माँ, हिय करो नित वास।।
हस्त सजती पुस्तिका शुभ, पद्म आसन श्वेत।
देवता, ऋषि, मुनि रिझाते, गान कर समवेत।।
कर जोड़ तुझको ध्यावते, मग्न हो नर नार।
वागीश्वरी नित हम करें, जयति जय जयकार।।
आशीष तेरा जब मिले, पनपते सुविचार।
दास चरणों की बनाकर, माँ करो उपकार।।
कलुष हरकर माँ मुझे दो, ज्ञान का वरदान।
भाव वाणी से करूँ मैं, काव्य का रस पान।।
काव्य जीवन में बहे ज्यों, गंग की मृदु धार।
खे रही है नाव इसमें, लेखनी पतवार।।
भाव परहित का रखूं मैं, नित रहे यह भान।
साधना की शक्ति दो माँ, छंद का शुचि ज्ञान।।
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शोभन छंद विधान-
शोभन छंद जो कि सिंहिका छंद के नाम से भी जाना जाता है, 24 मात्रा प्रति पद का सम मात्रिक छंद है।
यह 14 और 10 मात्रा के दो यति खंड में विभक्त रहता है। दो दो या चारों पद समतुकांत होते हैं।
इसका मात्रा विन्यास निम्न है-
5 2 5 2, 212 1121
पँचकल की संभावित संभावनाएं –
122, 212, 221
चूंकि यह मात्रिक छंद है अतः 2 को 11 में तोड़ा जा सकता है किंतु इस छंद में 11 को 2 मानने की छूट नहीं है।
अंत में जगण (121) अनिवार्य है।
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शुचिता अग्रवाल ‘शुचिसंदीप’
तिनसुकिया, असम
नाम-
शुचिता अग्रवाल ‘शुचिसंदीप’
(विद्यावाचस्पति)
जन्मदिन एवम् जन्मस्थान-
26 नवम्बर 1969, सुजानगढ़ (राजस्थान)
पिता-स्वर्गीय शंकर लालजी ढोलासिया
माता- स्वर्गीय चंदा देवी
परिचय-मैं असम प्रदेश के तिनसुकिया शहर में रहती हूँ। देश की अनेक साहित्यिक प्रतिष्ठित शाखाओं से जुड़ी हुई हूँ।
सम्मान पत्र- कविसम्मेलन,जिज्ञासा,रचनाकार,साहित्य संगम संस्थान,काव्य रंगोली,आदि संस्थाओं से सम्मान पत्र प्राप्त हुए।
काव्य रंगोली’ द्वारा ‘समाज भूषण-2018’
“आगमन” द्वारा ‘आगमन काव्य विदुषी सम्मान-2019’ एवं साहित्य के क्षेत्र में प्राइड वीमेन ऑफ इंडिया ‘2022’ प्राप्त हुआ है।
साहित्य संगम संस्थान द्वारा “विद्यावाचस्पति(डॉक्टरेट)” की मानद उपाधि से सम्मानित हुई हूँ।
प्रकाशित पुस्तकें- मेरे एकल 5 कविता संग्रह “दर्पण” “साहित्य मेध” “मन की बात ” “काव्य शुचिता” तथा “काव्य मेध” हैं। मेरी साझा पुस्तकों,पत्रिकाओं,समाचार पत्रों तथा वेबसाइट्स पर समय-समय पर रचनाएं प्रकाशित होती हैं।
आभार आपका।
जय सरस्वती। सुंदर स्तुति।
आभार आपका।
शोभन छंद में माँ शारदा की बहुत प्यारी वंदना।
हार्दिक आभार आपका।