सुगति छंद
‘भगवान हो’
इस सृष्टि में।
हर दृष्टि में।।
तुम व्याप्त हो।
पर्याप्त हो।।
हर कर्म हो।
शुचि धर्म हो।।
कविता तुम्ही।
गीता तुम्ही।।
तुम पूज्यता।
हो सत्यता।।
तुम दिव्यता।
हो लक्ष्यता।।
सुरताल में।
वाचाल में।।
परिपूर्ण हो।
सम्पूर्ण हो।।
मनमीत हो।
मधुगीत हो।।
ममता तुम्ही।
क्षमता तुम्ही।।
साकार हो।
आकार हो।।
आकाश हो।
अविनाश हो।।
लघुता तुम्ही।
गुरुता तुम्ही।।
विज्ञान हो।
संज्ञान हो।।
प्रारब्ध हो।
उपलब्ध हो।।
युक्तार्थ हो।
भावार्थ हो।।
तुम साध्य हो।
आराध्य हो।।
ऋषि संत हो।
ब्रज कंत हो।।
माता कहूँ।
दाता कहूँ।।
सरिता तुम्ही।
सविता तुम्ही।।
संसार से।
भवपार से।।
तुम पार हो।
जग सार हो।।
आधार हो।
तुम प्यार हो।।
आह्वान हो।
भगवान हो।।
●●●●●●●●
सुगति छंद / शुभगति छंद विधान –
सुगति छंद / शुभगति छंद 7 मात्रा प्रति चरण का सम मात्रिक छंद है जिसका अंत गुरु वर्ण (S) से होना आवश्यक है। एक छंद में कुल 4 चरण होते हैं और छंद के दो दो या चारों चरण सम तुकांत होने चाहिए।
इन 7 मात्राओं का विन्यास पंचकल + गुरु वर्ण (S) है। पंचकल की निम्न संभावनाएँ हैं :-
122
212
221
(2 को 11 में तोड़ सकते हैं, पर अंत सदैव गुरु (S) से होना चाहिए।)
सुगती छंद को शुभगति छंद के नाम से भी जाना जाता है।
◆◆◆◆◆◆◆◆
शुचिता अग्रवाल ‘शुचिसंदीप’
तिनसुकिया, असम
नाम-
शुचिता अग्रवाल ‘शुचिसंदीप’
(विद्यावाचस्पति)
जन्मदिन एवम् जन्मस्थान-
26 नवम्बर 1969, सुजानगढ़ (राजस्थान)
पिता-स्वर्गीय शंकर लालजी ढोलासिया
माता- स्वर्गीय चंदा देवी
परिचय-मैं असम प्रदेश के तिनसुकिया शहर में रहती हूँ। देश की अनेक साहित्यिक प्रतिष्ठित शाखाओं से जुड़ी हुई हूँ।
सम्मान पत्र- कविसम्मेलन,जिज्ञासा,रचनाकार,साहित्य संगम संस्थान,काव्य रंगोली,आदि संस्थाओं से सम्मान पत्र प्राप्त हुए।
काव्य रंगोली’ द्वारा ‘समाज भूषण-2018’
“आगमन” द्वारा ‘आगमन काव्य विदुषी सम्मान-2019’ एवं साहित्य के क्षेत्र में प्राइड वीमेन ऑफ इंडिया ‘2022’ प्राप्त हुआ है।
साहित्य संगम संस्थान द्वारा “विद्यावाचस्पति(डॉक्टरेट)” की मानद उपाधि से सम्मानित हुई हूँ।
प्रकाशित पुस्तकें- मेरे एकल 5 कविता संग्रह “दर्पण” “साहित्य मेध” “मन की बात ” “काव्य शुचिता” तथा “काव्य मेध” हैं। मेरी साझा पुस्तकों,पत्रिकाओं,समाचार पत्रों तथा वेबसाइट्स पर समय-समय पर रचनाएं प्रकाशित होती हैं।
सुंदर छंद में भगवान की प्यारी वंदना।
हार्दिक आभार।
शुचिता बहन इस कम मात्रा की प्यारी छंद में भगवान की महिमा का सुंदर बखान किया है।
हार्दिक आभार भैया।