सुजान छंद
“पर्यावरण”
पर्यावरण खराब हुआ, यह नहिँ संयोग।
मानव का खुद का ही है, निर्मित ये रोग।।
अंधाधुंध विकास नहीं, आया है रास।
शुद्ध हवा, जल का इससे, बहुत हुआ ह्रास।।
यंत्र-धूम्र विकराल हुआ, छाया चहुँ ओर।
बढ़ते जाते वाहन का, फैल रहा शोर।।
जनसंख्या विस्फोटक अब, धर ली है रूप।
मानव खुद गिरने खातिर, खोद रहा कूप।।
नदियाँ मैली हुई सकल, वन का नित नाश।
घोर प्रदूषण जकड़ रहा, धरती, आकाश।।
वन्य-जंतु को मिले नहीं, कहीं जरा ठौर।
चिड़ियों की चहक न गूँजे, कैसा यह दौर।।
चेतें जल्दी मानव अब, ले कर संज्ञान।
पर्यावरण सुधारें वे, हर सब व्यवधान।।
पर्यावरण अगर दूषित, जगत व्याधि-ग्रस्त।
यह कलंक मानवता पर, हो जीवन त्रस्त।।
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सुजान छंद विधान –
सुजान छंद २३ मात्राओं का द्वि पदी मात्रिक छंद है. इस छंद में हर पद में १४ तथा ९ मात्राओं पर यति तथा गुरु लघु पदांत का विधान है। 14 मात्राओं की मात्रा बाँट :-
8, 4, 2; 4, 8, 2; 4, 4, 4, 2 है। तथा 9 मात्राओं की मात्रा बाँट. :-
6, 3 (21) है। छक्कल में 4, 2 या 3, 3 हो सकते हैं। छंद के पद का अंत ताल 21 से होना आवश्यक है।
मात्रिक छंद परिभाषा
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बासुदेव अग्रवाल ‘नमन’ ©
तिनसुकिया
विश्व पर्यावरण दिवस पर भेंट।
नाम- बासुदेव अग्रवाल;
जन्म दिन – 28 अगस्त, 1952;
निवास स्थान – तिनसुकिया (असम)
रुचि – काव्य की हर विधा में सृजन करना। हिन्दी साहित्य की हर प्रचलित छंद, गीत, नवगीत, हाइकु, सेदोका, वर्ण पिरामिड, गज़ल, मुक्तक, सवैया, घनाक्षरी इत्यादि।
सम्मान- मेरी रचनाएँ देश के सम्मानित समाचारपत्र और अधिकांश प्रतिष्ठित वेब साइट में नियमित रूप से प्रकाशित होती रहती हैं। हिन्दी साहित्य से जुड़े विभिन्न ग्रूप और संस्थानों से कई अलंकरण और प्रसस्ति पत्र नियमित प्राप्त होते रहते हैं।
प्रकाशित पुस्तकें- गूगल प्ले स्टोर पर मेरी दो निशुल्क ई बुक प्रकाशित हैं।
(1) “मात्रिक छंद प्रभा” जिसकी गूगल बुक आइ डी :- 37RT28H2PD2 है। (यह 132 पृष्ठ की पुस्तक है जिसमें मात्रिक छंदों की मेरी 91 कविताएँ विधान सहित संग्रहित हैं। पुस्तक के अंत में ‘मात्रिक छंद कोष’ दिया गया है जिसमें 160 के करीब मात्रिक छंद विधान सहित सूचीबद्ध हैं।)
(2) “वर्णिक छंद प्रभा” जिसकी गूगल बुक आइ डी :- 509X0BCCWRD है। (यह 134 पृष्ठ की पुस्तक है जिसमें वर्णिक छंदों की मेरी 95 कविताएँ विधान सहित संग्रहित हैं। पुस्तक के अंत में ‘वर्णिक छंद कोष’ दिया गया है जिसमें 430 के करीब वर्णिक छंद विधान सहित सूचीबद्ध हैं।)
मेरा ब्लॉग:
पर्यावरण के साथ खिलवाड़ जो कि मानव जीवन की आज की ज्वलंत समस्या है उसके प्रति लोगों को जागरूक, एकजुट होकर समाधान करने हेतु प्रेरित करती अति उत्तम रचना भैया।
शुचिता बहन तुम्हारी पर्यावरण के प्रति सजगता दिखाती प्रतिक्रिया का हार्दिक धन्यवाद।
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर सुजान छंद में बहुत सुंदर रचना।
आपकी हृदय खिलाती प्रतिक्रिया का आत्मिक धन्यवाद व्यक्त करता हूँ।