सुमंत छंद
“बरसो मेघा”
धरती सारी बाट, देखती हारी।
गर्मी से बेहाल, हुई है भारी।।
उमड़े घन को देख, सभी हरषाये।
ऐसा बरसो चैन, धरा पा जाये।।
वन उपवन भी शुष्क, हुये हैं आओ।
उमड़-घुमड़ कर मेघ, व्योम पर छाओ।।
नदियों का जल वाष्प, बना है सारा।
तुम सूरज का आज, उतारो पारा।।
खलिहानों का सूख, गया है पानी।
खेतों में फिर रंग, चढ़ा दो धानी।।
हरित दुशाला ओढ़, धरा सज जाये।
फूटे अंकुर मेघ, अगर तू आये।।
हे श्यामल घन नीर, धार बरसाओ।
जीवन में उल्लास, नवल भर जाओ।।
व्याकुल वसुधा तृप्त, होय इठलाये।
मधुर सलोने प्रेम, गीत फिर गाये।।
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सुमंत छंद विधान – (मात्रिक छंद परिभाषा)
सुमंत छंद बीस मात्रा प्रति पद का मात्रिक छंद है।
छंद के 11 मात्रिक प्रथम चरण की मात्रा बाँट ठीक दोहे के सम चरण वाली यानी अठकल + ताल (21) है।
अठकल में 4+4 या 3+3+2 दोनों हो सकते हैं।
9 मात्रिक द्वितीय चरण की मात्रा बाँट 3 + 2 + गुरु गुरु (S S)है।
त्रिकल में 21, 12, 111 तीनों रूप, द्विकल के 2, 11 दोनों रूप मान्य हैं।
पदांत में दो गुरु का होना अनिवार्य है।
दो दो पद समतुकांत होने चाहिए।
मात्रा विन्यास-
2222 21, 3 2SS = (सुमंत) = 11+9 = 20 मात्रा।
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शुचिता अग्रवाल ‘शुचिसंदीप’
तिनसुकिया, असम
नाम-
शुचिता अग्रवाल ‘शुचिसंदीप’
(विद्यावाचस्पति)
जन्मदिन एवम् जन्मस्थान-
26 नवम्बर 1969, सुजानगढ़ (राजस्थान)
पिता-स्वर्गीय शंकर लालजी ढोलासिया
माता- स्वर्गीय चंदा देवी
परिचय-मैं असम प्रदेश के तिनसुकिया शहर में रहती हूँ। देश की अनेक साहित्यिक प्रतिष्ठित शाखाओं से जुड़ी हुई हूँ।
सम्मान पत्र- कविसम्मेलन,जिज्ञासा,रचनाकार,साहित्य संगम संस्थान,काव्य रंगोली,आदि संस्थाओं से सम्मान पत्र प्राप्त हुए।
काव्य रंगोली’ द्वारा ‘समाज भूषण-2018’
“आगमन” द्वारा ‘आगमन काव्य विदुषी सम्मान-2019’ एवं साहित्य के क्षेत्र में प्राइड वीमेन ऑफ इंडिया ‘2022’ प्राप्त हुआ है।
साहित्य संगम संस्थान द्वारा “विद्यावाचस्पति(डॉक्टरेट)” की मानद उपाधि से सम्मानित हुई हूँ।
प्रकाशित पुस्तकें- मेरे एकल 5 कविता संग्रह “दर्पण” “साहित्य मेध” “मन की बात ” “काव्य शुचिता” तथा “काव्य मेध” हैं। मेरी साझा पुस्तकों,पत्रिकाओं,समाचार पत्रों तथा वेबसाइट्स पर समय-समय पर रचनाएं प्रकाशित होती हैं।
सुमंत छंद में मेघ से बरसने की बहुत सुंदर विनती हुई है।
अतिशय आभार आपका
शुचिता बहन प्यासी धरती की ज्वाला से विदग्ध हो सुमंत छंद में तुमने बहुत ही सुंदर भाव उकेरे हैं। अत्यंत सफल रचना की बधाई।
प्रोत्साहन एवं उत्साहवर्धन हेतु आपका बहुत बहुत आभार भैया।