गीता छंद, “गीता पढ़ने के लाभ”
गीता छंद 26 मात्राओं का सम मात्रिक छंद है जो 14 और 12 मात्रा के दो यति खंड में विभक्त रहता है।
इसका मात्रा विन्यास निम्न है-
2212 2212, 2212 221
गीता छंद 26 मात्राओं का सम मात्रिक छंद है जो 14 और 12 मात्रा के दो यति खंड में विभक्त रहता है।
इसका मात्रा विन्यास निम्न है-
2212 2212, 2212 221
नाम– बासुदेव अग्रवाल ‘नमन’
निवास स्थान – तिनसुकिया (असम)
रुचि – काव्य की हर विधा में सृजन करना। हिन्दी साहित्य की हर प्रचलित छंद, गीत, नवगीत, हाइकु, सेदोका, वर्ण पिरामिड, गज़ल, मुक्तक, सवैया, घनाक्षरी इत्यादि। हिंदी साहित्य की पारंपरिक छंदों में विशेष रुचि है और मात्रिक एवं वर्णिक लगभग सभी प्रचलित छंदों में काव्य सृजन में सतत संलग्न।
सम्मान– मेरी रचनाएँ देश की सम्मानित वेब पत्रिकाओं में नियमित रूप से प्रकाशित होती रहती हैं। हिंदी साहित्य से जुड़े विभिन्न ग्रूप और संस्थानों से कई अलंकरण और प्रसस्ति पत्र नियमित प्राप्त होते रहते हैं।