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Category: चांद्रायण छंद

चांद्रायण छंद ‘सुमिरन’

चांद्रायण छंद  ‘सुमिरन’ हरि के नाम अनेक, जपा नित कीजिये। आठों याम सचेत, सुधा रस पीजिये।। महिमा बड़ी विराट, नित स्मरण में रखें। मन से नाम पुकार, कृपा प्रभु की लखें।। पढ़लें ग्रन्थ अनेक, सुधिजन

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