Categories
Archives

Category: वरूथिनी छंद

वरूथिनी छंद

वरूथिनी छंद विधान:-

“जनाभसन,जगा” वरण, सुछंद रच, प्रमोदिनी।
विराम सर,-त्रयी सजत, व चार पर, ‘वरूथिनी’।।

“जनाभसन,जगा” = जगण+नगण+भगण+सगण+नगण+जगण+गुरु

Read More »
Categories