सुखदा छंद, ‘गंगाजल’
सुखदा छंद 22 मात्रा प्रति पद की सम मात्रिक छंद है।
इसका मात्रा विन्यास निम्न है-
2222 22, 2222S
कुण्डलिया छंद, ‘गंगा मैया’
कुण्डलिया छंद, ‘गंगा मैया’
गंगा मैया आपकी,शरण पड़े नर नार।
पावन मन निर्मल करो, काटो द्वेष विकार।।
गंग छंद ‘गंग धार’
गंग छंद 9 मात्रा प्रति चरण का सम मात्रिक छंद है जिसका अंत गुरु गुरु (SS) से होना आवश्यक है।
शुद्ध गीता छंद “गंगा घाट”
शुद्ध गीता छंद विधान –
शुद्ध गीता छंद 27 मात्राओं का सम मात्रिक छंद है जो क्रमशः 14 और 13 मात्राओं के दो यति खंड में विभक्त रहता है।
2122 2122, 2122 2121 (14+13 मात्रा)