दोहा छंद ‘असम प्रदेश’
दोहा छंद ‘असम प्रदेश’ माँ कामाख्या धाम है, ब्रह्मपुत्र नद धार। पत्ता पत्ता रसभरा, सुखद असम का सार।। धरती शंकरदेव की, लाचित का अभिमान। कनकलता की वीरता, असम प्रांत की शान।। बाँस, चाय, रेशम घना, तेल यहाँ भरपूर। नर-नारी कर्मठ सभी, श्रम करने में चूर।। ऐरी, मूंगा, पाट के, वस्त्रों का उद्योग। नाम विश्व में […]