छवि छंद “बिछोह व मिलन”
छवि छंद जो कि मधुभार छंद के नाम से भी जाना जाता है, 8 मात्रा प्रति चरण का सम मात्रिक छंद है जिसका अंत जगण (121) से होना आवश्यक है।
प्रमिताक्षरा छंद “मिलन”
प्रमिताक्षरा छंद विधान –
“सजसासु” वर्ण सज द्वादश ये।
‘प्रमिताक्षरा’ मधुर छंदस दे।।
“सजसासु” = सगण जगण सगण सगण।
112 121 112 112 = 12 वर्ण का वर्णिक छंद।
बिहारी छंद “प्रेम भाव”
बिहारी छंद विधान –
यह (221 1221 12, 21 122) मापनी पर आधारित 22 मात्रा का मात्रिक छंद है।