कुकुभ छंद, ‘मेरा मन’
कुकुभ छंद गीत
जब-जब आह्लादित होता मन, गीत प्रणय के गाती हूँ,
खुशियाँ लेकर आये जो क्षण, फिर उनको जी जाती हूँ।
मन से, मनोभाव से संबंधित रचनाएं।
कुकुभ छंद गीत
जब-जब आह्लादित होता मन, गीत प्रणय के गाती हूँ,
खुशियाँ लेकर आये जो क्षण, फिर उनको जी जाती हूँ।