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रसाल छंद “यौवन”

रसाल छंद विधान –

“भानजभजुजल” वर्ण, और यति नौ दश पे रख।
पावन मधुर ‘रसाल’, छंद-रस रे नर तू चख।।

“भानजभजुजल” = भगण नगण जगण भगण जगण जगण लघु।