चौपइया छंद “राखी”
चौपइया छंद विधान –
यह प्रति पद 30 मात्राओं का सममात्रिक छंद है। 10, 8,12 मात्राओं पर यति। प्रथम व द्वितीय यति में अन्त्यानुप्रास तथा छंद के चारों पद समतुकांत। प्रत्येक पदान्त में गुरु (2) आवश्यक है।
पुनीत छंद
पुनीत छंद विधान –
यह 15 मात्राओं का सम मात्रिक छंद है। दो दो चरण या चारों चरण समतुकांत होते हैं।
इसका मात्रा विन्यास निम्न है-
चौक्कल+छक्कल +SS1(गुरु गुरु लघु) = 15 मात्रायें।