योग छंद “विजयादशमी”
योग छंद विधान –
योग छंद एक सम पद मात्रिक छंद है, जिसमें प्रति पद 20 मात्रा रहती हैं। पद 12 और 8 मात्रा के दो यति खंडों में विभाजित रहता है।
अच्छाई जब जीती, हरा बुराई।
जग ने विजया दशमी, तभी मनाई।।
विजयादशमी, रावण बध, शक्ति पूजा आदि से संबंधित रचनाएँ।
योग छंद विधान –
योग छंद एक सम पद मात्रिक छंद है, जिसमें प्रति पद 20 मात्रा रहती हैं। पद 12 और 8 मात्रा के दो यति खंडों में विभाजित रहता है।
अच्छाई जब जीती, हरा बुराई।
जग ने विजया दशमी, तभी मनाई।।