किरीट सवैया “काव्य-मंच”
किरीट सवैया “काव्य-मंच” मंच बढ़े कविता सिमटी अब, फूहड़ हास्य परोस रहे कवि। लुप्त हुए शुचि छंद सनातन, धूमिल होय रही कविता छवि।। मान मिले अरु नाम बढ़े बस, देय रहे कवि काव्यमयी हवि। अंधन की नगरी यह चौपट, राज करे बन के सब ही रवि।। सवैया छंद विधान ◆◆◆◆◆◆ शुचिता अग्रवाल ‘शुचिसंदीप’ तिनसुकिया, […]
जलहरण घनाक्षरी “सिद्धु”
जलहरण घनाक्षरी – चार पदों के इस छंद में प्रत्येक पद में कुल वर्ण संख्या 32 रहती है। 32 वर्ण लंबे पद में 16, 16 पर यति रखना अनिवार्य है। जलहरण घनाक्षरी का पदांत सदैव लघु लघु वर्ण (11) से होना आवश्यक है।