विष्णुपद छंद ‘मंजिल पायेंगे’
विष्णुपद छंद ‘मंजिल पायेंगे’ आगे हरदम बढ़ने का हम, लक्ष्य बनायेंगे। चाहे रोड़े हों राहों में, मंजिल पायेंगे।। नवल सपन आँखों में लेकर, हम सोपान चढ़ें। कायरता की तोड़ हथकड़ी, हम निर्भीक बढ़ें।। जोश भरे कदमों की आहट, सकल विश्व सुनले। मानवता की रक्षा के हित, नेक राह चुनले।। विश्व शांति के लिए साथ हम, […]
संत छंद ‘संकल्प’
संत छंद ‘संकल्प’ हुई भोर नयी, आओ स्वागत करलें। चलो साथ बढ़ें, नव ऊर्जा हिय भरलें।। खिली धूप धवल, कहाँ तिमिर अब गहरा। रुचिर पुष्प खिले, बाग रहा है लहरा।। करें कार्य वही, जिससे निज मन सरसे। बनें निपुण सदा, उत्सुकता हिय बरसे।। नया जोश जगा, नव राहें हम गढलें। प्रबल भाव भरें, प्रगति शिखर […]
सारस छंद, ‘संकल्प’
सारस छंद 24 मात्रा प्रति पद का सम मात्रिक छंद है।
यह 12 और 12 मात्रा के दो यति खंड में विभक्त रहता है। चरणादि गुरु वर्ण तथा विषमकल होना अनिवार्य है। चरणान्त सगण (112) से होता है।
इसका मात्रा विन्यास निम्न है-
2112 2112, 2112 2112