मनहरण घनाक्षरी “होली के रंग”
मनहरण घनाक्षरी
होली के रंग (1)
होली की मची है धूम, रहे होलियार झूम,
मस्त है मलंग जैसे, डफली बजात है।
मरहठा माधवी छंद “होली”
मरहठा माधवी छंद 29 मात्राओं का समपद मात्रिक छंद है। इसका मात्रा विन्यास निम्न है-
अठकल + त्रिकल, त्रिकल + गुरु + त्रिकल, त्रिकल + गुरु + गुरु + लघु + गुरु(S)
संयुत छंद
संयुत छंद विधान:-
“सजजाग” ये दश वर्ण दो।
तब छंद ‘संयुत’ स्वाद लो।।
“सजजाग” = सगण जगण जगण गुरु
112 121 121 2 = 10 वर्ण।