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दोही छंद ‘माँ का आशीष’

दोही छंद विधान-

दोहे के पद के प्रारंभ में द्विकल जोड़ देने से दोही छंद बन जाता है, बाकी सब कुछ दोहे वाला ही विधान रहता है।