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विधाता छंद

विधाता छंद विधान:

विधाता छंद 28 मात्रा प्रति पद का सम पद मात्रिक छन्द है जो 14 – 14 मात्रा के दो यति खंडों में विभक्त रहता है।

संरचना के आधार पर विधाता छंद निश्चित वर्ण विन्यास पर आधारित मापनी युक्त छंद है। जिसकी मापनी 1222*4 है। इसमें गुरु (2) को दो लघु (11) में तोड़ा जा सकता है जो सदैव एक ही शब्द में साथ साथ रहने चाहिए।

यह छंद वाचिक स्वरूप में अधिक प्रसिद्ध है जिसमें उच्चारण के आधार पर काफी लोच संभव है। वाचिक स्वरूप में यति के भी कोई रूढ नियम नहीं है और उच्चारण अनुसार गुरु वर्ण को लघु मानने की भी छूट है।

कविकुल वेब साइट

कविकुल :-
“यहाँ काव्य की रोज बरसात होगी।
कहीं भी न ऐसी करामात होगी।
नहाओ सभी दोस्तो खुल के इसमें।
बड़ी इससे क्या और सौगात होगी।।”