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पीयूष वर्ष छंद (वर्षा वर्णन)

पीयूष वर्ष छंद मात्रिक छंद है। प्रत्येक पद 10, 9 मात्रा के दो चरणों में विभक्त रहता है। पद की मात्रा बाँट 2122 21, 22 21S होती है।

सरसी छंद ‘मुन्ना मेरा सोय’

सरसी छंद ‘मुन्ना मेरा सोय’ ओ मेघा चुप हो जा मेघा, मुन्ना मेरा सोय। खिल-खिल हँसता कभी मुलकता, मधुर स्वप्न में खोय।। घड़-घड़ भड़-भड़ जोर-जोर से, शोर मचाना छोड़। आँख लगी मुन्ने की अब तो, ओ निर्मम मत तोड़।। डर कर होंठ निकाले जब-तब, रही पलक भी काँप। ओ विराट नभ के बिगड़े सुत, मन […]

सुमंत छंद “बरसो मेघा”

सुमंत छंद विधान –

सुमंत छंद बीस मात्रा प्रति पद का मात्रिक छंद है।
छंद के 11 मात्रिक प्रथम चरण की मात्रा बाँट ठीक दोहे के सम चरण वाली यानी अठकल + ताल (21) है।
अठकल में 4+4 या 3+3+2 दोनों हो सकते हैं।
9 मात्रिक द्वितीय चरण की मात्रा बाँट 3 + 2 + गुरु गुरु (S S)है।

मधुर ध्वनि छन्द ‘वर्षा’

मधुर ध्वनि छन्द / अमृत ध्वनि छंद ‘विधान’-

यह 24 मात्राओं का मात्रिक छन्द है।
क्रमशः 8,8,8 पर यति आवश्यक है।
चार पदों के इस छन्द में दो या चारों पद समतुकांत होने चाहिए। अन्तर्यति तुकांतता से छंद का माधुर्य बढ़ जाता है,वैसे यह आवश्यक नहीं है।

मधुर ध्वनि छंद के चार पदों के प्रारंभ में एक दोहा जोड़ देने से कुण्डलिया छंद की तर्ज का एक नया छंद बन जाता है जो “अमृत ध्वनि” के नाम से प्रसिद्ध है।