हरिणी छंद
“राधेकृष्णा नाम”
मन नित भजो, राधेकृष्णा, यही बस सार है।
इन रस भरे, नामों का तो, महत्त्व अपार है।।
चिर युगल ये, जोड़ी न्यारी, त्रिलोक लुभावनी।
भगत जन के, प्राणों में ये, सुधा बरसावनी।।
जहँ जहँ रहे, राधा प्यारी, वहीं घनश्याम हैं।
परम द्युति के, श्रेयस्कारी, सभी परिणाम हैं।।
बहुत महिमा, नामों की है, इसे सब जान लें।
सब हृदय से, संतों का ये, कहा सच मान लें।।
अति व्यथित हो, झेलूँ पीड़ा, गिरा भव-कूप में।
मन विकल है, डूबूँ कैसे, रमा हरि रूप में।।
भुवन भर में, गाथा गाऊँ, सदा प्रभु नाम की।
मन-नयन से, लीला झाँकी, लखूँ ब्रज-धाम की।।
मन महँ रहे, श्यामा माधो, यही अरदास है।
जिस निलय में, दोनों सोहे, वहीं पर रास है।।
युगल छवि की, आभा में ही, लगा मन ये रहे।
‘नमन’ कवि की, ये आकांक्षा, इसी रस में बहे।।
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हरिणी छंद विधान – (वर्णिक छंद परिभाषा) <–लिंक
मधुर ‘हरिणी’, राचें बैठा, “नसामरसालगे”।
प्रथम यति है, छै वर्णों पे, चतुष् फिर सप्त पे।
“नसामरसालगे” = नगण, सगण, मगण, रगण, सगण, लघु और गुरु।
111 112, 222 2,12 112 12 = 17 वर्ण प्रति पद का वर्णिक छंद, चार पद, दो दो समतुकांत।
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बासुदेव अग्रवाल ‘नमन’ ©
तिनसुकिया
नाम- बासुदेव अग्रवाल;
जन्म दिन – 28 अगस्त, 1952;
निवास स्थान – तिनसुकिया (असम)
रुचि – काव्य की हर विधा में सृजन करना। हिन्दी साहित्य की हर प्रचलित छंद, गीत, नवगीत, हाइकु, सेदोका, वर्ण पिरामिड, गज़ल, मुक्तक, सवैया, घनाक्षरी इत्यादि।
सम्मान- मेरी रचनाएँ देश के सम्मानित समाचारपत्र और अधिकांश प्रतिष्ठित वेब साइट में नियमित रूप से प्रकाशित होती रहती हैं। हिन्दी साहित्य से जुड़े विभिन्न ग्रूप और संस्थानों से कई अलंकरण और प्रसस्ति पत्र नियमित प्राप्त होते रहते हैं।
प्रकाशित पुस्तकें- गूगल प्ले स्टोर पर मेरी दो निशुल्क ई बुक प्रकाशित हैं।
(1) “मात्रिक छंद प्रभा” जिसकी गूगल बुक आइ डी :- 37RT28H2PD2 है। (यह 132 पृष्ठ की पुस्तक है जिसमें मात्रिक छंदों की मेरी 91 कविताएँ विधान सहित संग्रहित हैं। पुस्तक के अंत में ‘मात्रिक छंद कोष’ दिया गया है जिसमें 160 के करीब मात्रिक छंद विधान सहित सूचीबद्ध हैं।)
(2) “वर्णिक छंद प्रभा” जिसकी गूगल बुक आइ डी :- 509X0BCCWRD है। (यह 134 पृष्ठ की पुस्तक है जिसमें वर्णिक छंदों की मेरी 95 कविताएँ विधान सहित संग्रहित हैं। पुस्तक के अंत में ‘वर्णिक छंद कोष’ दिया गया है जिसमें 430 के करीब वर्णिक छंद विधान सहित सूचीबद्ध हैं।)
मेरा ब्लॉग:
राधा कृष्ण के पावन नाम की महिमा दर्शाती अति सुंदर रचना।
आपकी प्रतिक्रिया का हार्दिक धन्यवाद।
हरिणी छंद में राधा कृष्ण नाम जप की महिमा को दर्शाती बहुत सुंदर रचना हुई है।
हार्दिक बधाई आपको।
शुचिता बहन तुम्हारी हृदय हर्षाती प्रतिक्रिया का बहुत बहुत धन्यवाद।