दोहा छंद “विवाह में गणपति निमंत्रण”
दोहा छंद “विवाह में गणपति निमंत्रण” प्रथम निमंत्रण आपको, विघ्न विनायक नाथ। पग पग पर रहना सदा, आप ब्याह में साथ।। सकल सुखद संजोग से, ब्याह मँड्यो है आज। देव पधारो आँगना, सकल सुधारो काज।। कुंकुंपत्री ब्याव की, न्यूंतो मानो नाथ। रणतभँवर सूं आवज्यो, लाज तिहारे हाथ।। रिद्धि सिद्धि के संग में, आओ हे गणराज। भक्तों के घर व्याह […]
दोहा छंद, ‘कुलदेवी’
कुलदेवी पर दोहे प्रथम विनायक को भजें, प्रभु का लें फिर नाम।। कुलदेवी जयकार से, शुरू करें शुभ काम।। सर्व सुमंगल दायिनी, हे कुलदेवी मात। कुल तेरा तुझको भजे, कर जोड़े दिन-रात।। कुलदेवी आशीष से, बनते बिगड़े काज। निज कुल की माँ जगत में, रखती हरदम लाज।। रखें स्मरण कुलदेव का, धर्म सनातन रीत। सुखपूर्वक […]
दोहा छंद ‘जय पितरजी’
दोहा छंद ‘जय पितरजी’ पितरों के सम्मान में, नमन नित्य सौ बार। भाव सुमन अर्पण करूँ, आप करो स्वीकार।। श्राद्ध पक्ष का आगमन, पितरों का सत्कार। श्रद्धा से पूजन करें, हिय से हो मनुहार।। पूर्वज अपने कर रहे, पितर लोक में वास। दान, मान अरु भोज की, रखते […]
दोहा छंद “श्राद्ध-पक्ष”
दोहा छंद “श्राद्ध-पक्ष”
श्राद्ध पक्ष में दें सभी, पुरखों को सम्मान।
वंदन पितरों का करें, उनका धर सब ध्यान।।