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लावणी छंद विधान (मात्रिक छंद परिभाषा)

लावणी छंद सम मात्रिक छन्द है। इस छंद में चार पद होते हैं, जिनमें प्रति पद 30 मात्राएँ होती हैं।

प्रत्येक पद दो चरण में बंटा हुआ रहता है जिनकी यति 16-14 पर निर्धारित होती है। अर्थात् विषम चरण 16 मात्राओं का और सम चरण 14 मात्राओं का होता है। दो-दो पदों की तुकान्तता का नियम है। पदान्त सदैव गुरु या 2 लघु से होना चाहिये।

16 मात्रिक वाले चरण का विधान और मात्रा बाँट ठीक चौपाई छंद वाला है। 14 मात्रिक चरण की बाँट 12+2 है। 12 मात्रिक 3 चौकल, एक अठकल एक चौकल या एक चौकल एक अठकल हो सकता है। चौकल और अठकल के सभी नियम लागू होंगे।

बासुदेव अग्रवाल ‘नमन’ ©
तिनसुकिया

6 Responses

  1. बहुत बढ़िया ब्लॉग है हम नवसिखुओं के लिए

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