Categories
Archives

Category: उपमान छंद

उपमान छंद  ‘शिवा’

उपमान छंद   ‘शिवा’ हे सोमेश्वर हे शिवा, भोले भंडारी। शीश चन्द्रमा सोहता, जटा गंगधारी।। अंग भुजंग विराजते, गल मुंडन माला। कर त्रिशूल डमरू धरे, तन पर मृग छाला।। भष्म रमाये देह पर, अंग-अंग सोहे।

Read More »
Categories