मुक्तामणि छंद “गणेश वंदन”
मुक्तामणि छंद विधान –
दोहे का लघु अंत जब, सजता गुरु हो कर के।
‘मुक्तामणि’ प्रगटे तभी, भावों माँहि उभर के।।
मुक्तामणि छंद चार पदों का 25 मात्रा प्रति पद का सम पद मात्रिक छंद है जो 13 और 12 मात्रा के दो यति खण्डों में विभाजित रहता है।