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Category: रत्नकरा छंद

रत्नकरा छंद “अतृप्त प्रीत”

रत्नकरा छंद विधान –

“मासासा” नव अक्षर लें।
प्यारी ‘रत्नकरा’ रस लें।।

“मासासा” = मगण सगण सगण।
( 222  112  112 ) = 9 वर्ण का वर्णिक छंद।

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